कभी BJP को पुचकारते, तो कभी तेजस्वी पर प्यार लुटाते; नीतीश के मन में क्या चल रहा?…

 जनता दल युनाइटेड (JDU) भले ही बिहार में विधायकों की संख्या के मामले में तीसरे नंबर पर हो, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकप्रियता आज भी बनी हुई है।

यही कारण है कि उनके हर सियासी बयान की पटना से दिल्ली तक खूब चर्चा होती है। हाल ही में उन्होंने मोतिहारी में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति और राज्यपाल की उपस्थिति में बीजेपी नेताओं से उनकी दोस्ती अंतिम सांस तक चलने की बात कही थी।

इसके बाद कयासों का दौर शुरू हो गया। लोग बीजेपी से उनकी नजदीकी का चर्चा करना लगे। इस मामले को तूल पकड़ता देख उन्होंने खुद इस मामले पर सफाई दी। हालांकि, उनकी सफाई ने एक और कयास को जन्म दे दिया।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब अपने बयान की सफाई दे रहे थे तो उन्होंने तेजस्वी यादव के प्रति एक अभिभावक वाला स्नेह दिखाया। उन्होंने तेजस्वी यादव को बच्चा बताते हुए कहा कि अब यही हमारा सबकुछ है।

इसके बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि इंडिया गठबंधन में अगर नीतीश कुमार को सम्माजनक स्थान मिलता है तो आने वाले समय में बिहार में बड़े पैमाने पर सियासी फेरबदल देखने को मिल सकती है।

आपको बता दें कि बीजेपी से अलग होने और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के साथ महागठबंधन बनाने के बाद नीतीश कुमार ने कई मौकों पर तेजस्वी को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है।

उन्होंने विशेष रूप से यहां तक कहा कि जब बिहार में 2025 में विधानसभा चुनाव होंगे तो तेजस्वी यादव ही ग्रैंड अलायंस का नेतृत्व करेंगे।

इससे पहले उन्होंने गुरुवार को एक सार्वजनिक समारोह के दौरान भाजपा नेता राधा मोहन सिंह के साथ व्यक्तिगत दोस्ती का उल्लेख किया।

इसके बाद अटकलें लगाई जाने लगीं कि यह भाजपा के साथ मतभेद सुधारने और अपने वर्तमान सहयोगियों राजद और कांग्रेस पर दबाव बनाने का एक प्रयास था।

इंडिया गठबंधन की परिकल्पना करने वाले नीतीश कुमार के बार में एक बात कहा जाता है कि ना तो वो किसी के परमानेंट दुश्मन हैं और ना ही परमानेंट दुश्मन। इसलिए वह दोनों ही खेमों के साथ अपने चैनल को खोलकर रखते हैं।

जरूरत के हिसाब से उसका इस्तेमाल करते हैं। 

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